उत्तराखंड की महिला आईपीएस अफसर रचिता जुयाल ने उनके इस्तीफे की वजहों को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। रचिता ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पूरी तरह व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है।
उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी जुयाल ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने अपनी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद हाल ही में इस्तीफा दिया है। यह इस्तीफा मैंने पूरी तरह से अपने पर्सनल कारणों से दिया है।’’
उन्होंने कहा कि सबकी जिंदगी में लक्ष्य और योजनाएं होती हैं और वह भी अपने लक्ष्यों और योजनाओं के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘काफी समय से हमारे परिवार में इस पर चर्चा चल रही थी और सही समय आने पर मैंने इस्तीफा दिया है।’’
रचिता जुयाल ने कहा कि पिछले 10 साल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और प्रदेश में उन्हें अच्छे मौके मिले। उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं और आगे भी वह प्रदेश से जुड़ी रहेंगी और पूरे तरीके से अपना योगदान देंगी।
बता दें कि, फिलहाल विजिलेंस डिपार्टमेंट में पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहीं हैं। रचिता के अचानक इस्तीफा देने के बाद इस बात की अटकलें जोरों पर थीं कि प्रशासनिक दखल के चलते उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी आरोप लगाया था कि एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाने के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
10 साल नौकरी के बाद मांगी वीआरएस
न्यूज एजेंसी वार्ता के अनुसार रचिता जुयाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के संबंधित सेक्शन को वॉलेंट्री रिटायरमेंट (वीआरएस) के लिए आवेदन भेजा है। 29 मई को भेजे गए इस आवेदन में आगामी 10 सितंबर से सेवामुक्त करने का अनुरोध किया गया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि श्रीमती जुयाल ने वीआरएस के लिए अपने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। वह वर्तमान में राज्य पुलिस के विजिलेंस डिपार्टमेंट में एसप के पद पर नियुक्त हैं। समाचार लिखे जाने तक उनका आवेदन लंबित है।