एक ही चिता पर पति और सात माह की गर्भवती पत्नी के शव जलाए गए, हर किसी की आंखें हुईं नम; हादसे ने ली थी जान

0
441

एक हादसे में बाइक सवार दंपती की माैत हो गई थी। सुबह एक ही चिता पर पति और गर्भवती पत्नी का शव देख हर किसी की आंखें नम हो गई थीं।

वाराणसी जिले के हरहुआ बाजार में शुक्रवार को ट्रक की चपेट में आकर मृत खुटहन के मोजीपुर गांव निवासी दंपती का शव पीएम के बाद जब घर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। पति और सात माह की गर्भवती पत्नी की दुर्घटना में हुई मौत के बाद जब दोनों शव गांव के ही गोमती नदी तट पर एक ही चिता पर जलाए गए।

इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं। पुत्र व बहू को एक साथ मुखाग्नि देते पिता को देखकर वहां मौजूद हर कोई अपने आंसू नहीं रोक सका। मोजीपुर गांव निवासी रवींद्र यादव उर्फ कल्लू पुत्र पब्बर यादव अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उसके छोटे भाई विद्युत विभाग में एसडीओ तथा सबसे छोटा भाई घर रहकर खेतीबाड़ी करता है। 

रवींद्र कानपुर शहर में रहकर एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में प्राइवेट नौकरी करते थे। गुरुवार को वह वापस घर आए थे। उनके चचेरे भाई की पुत्री बीमार चल रही है। जो जिले के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती हैं। उसका हाल चाल लेने शुक्रवार की सुबह अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी रानी यादव के साथ शहर आये थे। वहां से दोनों वाराणसी दर्शन करने चले गए। 

बाइक से वापस लौट रहे दंपती हरहुआ बाजार में एक ट्रक की चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। मौत की मनहूस खबर पता चलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पीएम के बाद दंपति का शव घर लाया गया। अंतिम संस्कार गांव के गोमती नदी तट पर कर दिया गया।

जिला महिला अस्पताल में नवजात की मौत
जौनपुर के जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार को नवजात की जन्म लेने के कुछ देर बाद ही मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पीड़ित गुलाबचंद अग्रहरि ने बताया कि वह जफराबाद थाना क्षेत्र के शेखवाडा मोहल्ला की निवासी हैं। उनकी पुत्री खुशबू अग्रहरी मायके में थी और प्रसव पीड़ा से परेशान थी। दर्द अधिक होने पर उनके घर वालों ने 108 पर सूचना दी। 

एंबुलेंस से खुशबू को शुक्रवार की शाम 7 बजे जिला महिला अस्पताल पहुंचाया गया। गुलाबचंद का आरोप है कि उसकी पुत्री दर्द से तड़प रही थी। डॉक्टर के पास जाने पर उन्हें लौटा दिया जाता था। रात 11 बजे तक ऐसा ही चला। रात 12 बजे एक चिकित्सक ने ऑपरेशन करके बच्ची को जन्म दिलाया। जन्म के कुछ की देर बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। पहला बच्चा वह भी ऑपरेशन से पैदा हुआ और उसकी तुरंत मृत्यु हो जाना पूरे परिवार में मातम छा गया। 

परिवार के लोग अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोते और बिलखते देखे गए। जिला महिला अस्पताल के सीएमएस एमके गुप्ता ने बताया कि अस्पताल आने पर महिला की जांच की गई तो बच्चे की धड़कन नहीं थी। उनके अटेंडेंट को जब जानकारी डॉक्टर द्वारा दी गई तो उसने कहा कि किसी भी तरह मरीजा को बचा लें। रात में ऑपरेशन करके बच्चे को निकाला गया। जन्म होने पर मौत की बात गलत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here