रुड़की के माधोपुर गांव में वसीम की मौत मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हरिद्वार की अदालत ने गोवंश संरक्षण स्क्वायड के प्रभारी समेत छह के विरुद्ध हत्या समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
क्या था मामला?
गोवंश संरक्षण स्क्वायड के प्रभारी शरद सिंह को पिछले साल 25 अगस्त को सूचना मिली थी कि एक युवक गोकशी के बाद स्कूटर पर प्रतिबंधित मांस ले जा रहा है। इस पर उन्होंने कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य लोगों के साथ गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव में छापा मारा था। बताया गया था कि इस दौरान पुलिस को आता देख वसीम निवासी सोहलपुर गाडा स्कूटर छोड़कर तालाब में कूद गया था। अगले दिन उसका शव तालाब में मिला था।
शख्स को मारकर तालाब में फेंकने का आरोप
उसके परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने वसीम को मारकर तालाब में फेंक दिया था। गोवंश संरक्षण स्क्वायड पर गंभीर आरोप लगाते हुए परिजनों ने केस दर्ज करने की मांग की पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी। दूसरी ओर, वसीम के परिवार के अलाउद्दीन निवासी सालियर ने कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार अविनाश श्रीवास्तव की अदालत में गुहार लगाई थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में सुनवाई के बाद गोवंश संरक्षण स्क्वायड प्रभारी शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए हैं। मुकदमा दर्ज कर 24 घंटे में एफआईआर की कॉपी कोर्ट में पेश करने को भी कहा है। साथ ही मामले की विवेचना सीओ स्तर के अधिकारी से कराने के आदेश दिए गए हैं। दूसरी ओर, पुलिस निर्णय के खिलाफ अपील करने की तैयारी में है।