यूपी के बहराइच जिले में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रूपईडीहा चेकपोस्ट पर सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने मानव तस्करी के एक प्रयास को विफल करते हुए पांच नेपाली किशोरियों को बचाया है। रूपईडीहा चेकपोस्ट पर तैनात एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम की महिला जवानों ने इन किशोरियों को संदिग्ध अवस्था में पाया और उनसे पूछताछ की। प्रारंभ में, किशोरियों ने बताया कि वे लखनऊ घूमने जा रही हैं। हालांकि उनके अकेले यात्रा करने की बात से संदेह होने पर महिला जवानों ने उनसे गहन पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान, किशोरियों ने स्वीकार किया कि एक व्यक्ति उन्हें दिल्ली के रास्ते कुवैत भेजने वाला था। उन्हें बेहतर नौकरी और भवष्यि का लालच दिया गया था। एसएसबी जवानों ने तत्काल रूपईडीहा थाना प्रभारी को सूचित किया। सभी किशोरियों को थाने लाया गया, जहां उन्हें मानव तस्करी के खतरों के बारे में समझाया गया। पुलिस अधिकारियों और एसएसबी जवानों ने उन्हें बताया कि मानव तस्कर विदेश भेजने के नाम पर उनका शोषण कर सकते हैं और उन्हें अनैतिक कार्यों में धकेल सकते हैं।
काउंसलिंग के बाद किशोरियों ने अपने परिवारों के पास वापस जाने की इच्छा जताई। इसके बाद, पुलिस और एसएसबी ने देहात संस्था और मानव तस्करी रोधी इकाई को सूचित किया। संस्था के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और किशोरियों के परिवारों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। संपर्क स्थापित न हो पाने की स्थिति में, सभी किशोरियों को नेपाल की शांति पुनर्स्थापना संस्था के सुपुर्द कर दिया गया, जो उन्हें उनके परिवारों तक सुरक्षित पहुंचाने का कार्य करेगी।
एसएसबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि एसएसबी भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी के खिलाफ मुहिम जारी रखेगी और इस अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।