इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश और…; गंगोत्री धाम जा रहा हैलीकॉप्टर कैसे हुआ था क्रैश, सामने आ गई रिपोर्ट

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विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने इस साल 8 मई को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगनानी के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। ये हेलीकॉप्टर एयरोट्रांस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित था। इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें पायलट भी शामिल था। ये हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को गंगोत्री धाम लेकर जा रहा था। हादसे में जान गंवाने वालों में पांच महिलाएं शामिल थीं।

एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ान भरने के लगभग 20 मिनट बाद ही हेलीकॉप्टर अपनी निर्धारित ऊंचाई से नीचे उतरने लगा। पायलट ने उत्तरकाशी-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। रिपोर्ट के मुताबिक लैंडिंग के दौरान, हेलीकॉप्टर का मुख्य रोटर सड़क के किनारे चल रही एक ओवरहेड फाइबर केबल से टकरा गया और इसी के चलते हादसे का शिकार हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हेलीकॉप्टर के पायलट को 6,160 घंटों की उड़ान अनुभव था।

एएआईबी ने बताया कि एनटीएसबी, यूएसए और टीएसबी, कनाडा ने इस जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि और तकनीकी सलाहकार नियुक्त किए हैं। जांच दल मूल कारणों का पता लगाने के लिए आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए उनके साथ समन्वय कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, बेल 407 हेलीकॉप्टर का निर्माण 2008 में हुआ था। अंतिम निर्धारित निरीक्षण 25 अप्रैल, 2025 को किए गए थे।

तकनीकी लॉगबुक से पता चला है कि पायलट द्वारा बताई गई आखिरी खराबी 3 मई, 2025 को टेल रोटर की स्कीन में थी जिसे 7 मई तक ठीक कर दिया गया था। मलबे को आगे की जांच के लिए एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB), कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड (TSB) और रोल्स-रॉयस के विशेषज्ञ जाँच में सहायता कर रहे हैं।

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