यमुना–बेतवा नदी का तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है, अभी दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। यमुना नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही। वही बेतवा नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है।मुख्यालय के आसपास के इलाकों में दोनों नदियों का पानी घुस चुका है।
मुख्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक डेरे प्रभावित हुए है। इसके अलावा एक सैकड़ा संपर्क मार्ग व क्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है। दर्जनों कच्चे मकान बाढ़ के पानी में समाकर जमींदोजद्द हो चुके है। लोग सामान लेकर बाढ़ राहत शिविरों के लिए रवाना हो चुके है। लेकिन अभी कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ प्रशासन की मदद नही पहुँच रही है और लोग जानकारी न होने पर अपने घरों में ही फसकर रह गए है।
वहीं महिलाएं भी अपनी जान बचाकर किसी तरह से घरों से निकलकर रोड में अपना आशियाना बनाया हुआ है। लोगो ने जिला प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी भी देखने को मिली है। ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। जहां एक महिला ने बाढ़ के पानी को डंडे के सहारे से पार किया और किसी तरह अपनी जान बचाई। जिसे देखकर साबित हो रहा है कि प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए बड़े बड़े वादे बाढ़ के पानी में बह गए। वही पीड़ित महिला की माने तो उसे प्रशासन द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।
रिपोर्ट : शिवम् द्विवेदी, हमीरपुर, उत्तर प्रदेश