गर्जना न्यूज : पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है।अल्मोड़ा जिले का यह मामला डॉक्टरों, संसाधनों या दवाओं की कमी का नहीं किराये के बकाये का है। धौलछीना के कनारीछीना में सात कमरों के भवन में संचालित राजकीय एलोपैथिक और आयुर्वेदिक अस्पताल का महज 150 रुपये मासिक किराया भी सरकार नहीं दे पा रही है।
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इससे गुस्साए भवन स्वामी ने अस्पताल में ताला ठोक दिया। सोमवार सुबह ड्यूटी पर पहुंचे डॉक्टर और स्टाफ काफी देर तक भवन स्वामी से ताला खोलने का अनुरोध करते रहे। लेकिन भवन स्वामी की दो टूक इनकार के बाद उन्हें वापस जाना पड़ा।
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कनारीछीना निवासी बहादुर सिंह ने बताया कि एक साल से किराये के भुगतान का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है। अब तक मरीजों के हितों को देखते हुए चुप रहा लेकिन अब सहन नहीं होता।
बहादुर सिंह ने सोमवार को अस्पताल में अपना ताला डाल दिया। साथ ही, अस्पताल स्टाफ से दो साफ कह दिया जब तक उन्हें बकाया और बढ़ा हुआ किराया नहीं मिलेगा, तब तक ताला नहीं खोलेंगे।
अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ काफी देर तक ताला खुलने का इंतजार करते रहे। उन्होंने भवन स्वामी से मान-मनुहार भी किया लेकिन वह अपनी बात पर अडिग रहे। नतीजतन, डॉक्टरों और स्टाफ को वापस लौटना पड़ा। भवन में मकान मालिक का ताला लग जाने से एलोपैथिक और आयुर्वेदिक, दोनों की अस्पतालों का संचालन ठप हो गया।
अस्पताल भवन का निर्माण लटका
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग अस्पताल भवन का किराया नहीं दे पा रहा है। वहीं दूसरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कनारीछीना के भवन का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। पिछले करीब एक साल से अस्पताल भवन के निर्माण का कार्य ठप पड़ा है। इस कारण यहां दो साल पहले खड़े किए गए कॉलम खंडहर में तब्दील होकर रह गए हैं।
48 साल से किराया भी नहीं बढ़ाया
भवन स्वामी के मुताबिक 1975 से उनके सात कमरों के भवन के छह कमरों में राजकीय प्राथमिक एलोपैथिक अस्पताल और एक कमरे में आयुर्वेदिक अस्पताल चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग उन्हें इसका 48 वर्ष पहले तय 150 रुपये मासिक किराया देता आया है। विभाग ने न तो किराया बढ़ाया और नहीं तय किराया दे रहा है।
अस्पताल भवन में ताला डालना उचित नहीं है। भवन स्वामी से बात कर जल्द ही समस्या का हल निकाला जाएगा। भवन स्वामी से स्थानीय स्टाफ ने अनुरोध किया है कि जनहित को देखते हुए वह अस्पताल भवन का ताला खोल दें।
डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा